21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस, जानें इतिहास | Why international yoga day is celebrated on 21 June-know the History
आज पूरी दुनिया ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस‘ मना रही है. पिछले 5 हजार सालों से योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा रहा है. योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: कब और कैसे हुई दुनिया में इसकी शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है. इसे विश्व योग दिवस भी कहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि योग की शुरुआत कहा से हुई?, कब हुई?, इसके पीछे का इतिहास क्या है?, क्यों 21 जून को ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है? यह सारे सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलने वाला है जिससे आपको योग के बारें में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी.
आर्टिकल शुरू करनेसे पहले एक नजर डालते है आज के मुद्दों पर
1) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
2) भारत में योग की उत्पति कैसे हुई?
3) आधुनिक दुनिया को योग का परिचय किसने करवाया
4) 21 जून को ही क्यों अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है?
5) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का हेतु क्या है?
6) योग करने से क्या फायदे होते है?
चलिए अब बात करते है विस्तार से की, 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस, जानें इतिहास
पिछले 5 साल की तरह इस साल भी योग दिन मनाया जा रहा है. पूरी दुनिया में आज योग दिन मनाया जा रहा है और इस बार इसकी थीम है “पर्यावरण के लिए योग” (Yoga for Climate Action).
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व योग दिवस भी कहते हैं. यह 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है और पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 में मनाया गया था. इसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी और इसी वजह से 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया. संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को 90 दिवस में ही मंजूरी मिल गई थी.
चलिए एक नजर डाल थे है पिछले 5 साल के योग समारोह पर
सन 2015 में विश्वभर में पहली बार आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम भारत सरकार ने ‘सद्भाव के लिए योग‘ रखा था. इस योग समारोह में भारतीय प्रधान मंत्री और करीबन 36000 लोगोंने नई दिल्ली में राजपथ में पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाया गया था.
इस समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स बनाए थे. पहला सबसे बड़ी योग क्लास के होने का जिसमे 36000 से ज्यादा लोग थे और दूसरा 84 देशों के लाखों लोगों ने इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड स्थापित किया था.
सन 2016 में भारत सरकार ने दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम युवाओं को जोड़ने के लिए योग रखा था. जिसका मुख्य आयोजन चंडीगढ़ में हुआ था.
तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सन 2017 को मनाया गया था जिसकी की थीम स्वास्थ्य के लिए योग था. इसका मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के उत्तरप्रदेश में मनाया गया था. इस समारोह में लगभग 150 देशोंके लोगों ने भाग लिया था.
सन 2018 में चोथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था जिसकी थीम शांति के लिए योग था. इस साल उत्तराखंडके देहरादून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 50 हजार से ज्यादा लोगों के साथ योग किया था. इस साल योग दिवस का आयोजन दुनिया के कुल 181 देशोंमें हुआ था जिसमें सऊदी अरब के लोगो ने भी हिस्सा लिया था.
आज के दिन यानि की 21 जून 2019 को पांचवा योग दिवस मनाया जा रहा है जिसकी थीम है “पर्यावरण के लिए योग”. यह कार्यक्रम झारखंड के रांची में मनाया जा रहा है जिसमें भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिस्सा लिया है.
भारत में योग की उत्पति कैसे हुई?
जैसे की हम सभी जानते है की पूरी दुनिया को योग देने वाला देश हमारा भारत है है. भारत में वेड प्राचीन वैदिक काल से किया जाता था. यह हाजारों सालो से भारतियों की जीवनशैली का हिस्सा बना हुआ है. योग भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अहम हिस्सा है यह ज्ञान, कर्म और भक्ति का आदर्श मिश्रण है. यह हमारे ऋषि मुनिओ की देन है.
आधुनिक दुनिया को योग का परिचय किसने करवाया
भले ही हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिन की शुरआत करवाई हो लेकिन आधुनिक दुनिया को योग का दर्शन करवाने वाले भारत में स्वामीजी के नाम से प्रसिद्ध हुए स्वामी विवेकानंद ने करवाया था.
बात है सन 1893 की जब भारत के बहार के लोगो को योग क्या है इसके बारे में भी पता नहीं था, यहाँ तक की भारत में भी सिर्फ कुछ ही लोगो को योग के बारे में पता था एसे वक्त स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धर्म परिषद् में आधुनिक दुनिया को योग का परिचय करवाया था. स्वामी विवेकानंद के योग के उपर दिए गए प्रवचन से सारी दुनिया के महा गुरुओ प्रभावित हुए और उन लोगो ने दुनिया भर में योग का प्रचार करना शुरू कर दिया और लोगो ने इसको स्वीकार भी किया.
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21 जून को ही क्यों अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है?
21 जून को इस लिए चुना गया है की इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है और सदगुरुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए या बहोत ही खास दिन है. आज के दिन यानि की 21 जून को जब सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है. योग के नजरिए से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण के लिए बेहतर समय होता है. इसीलिए 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया है.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का हेतु क्या है?
· पूरे विश्व भर में हो रहे स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को घटाना.
· लोगों को योग के फायदों के बारे में जागरूक करना और उनको प्राकर्तिक सोंदर्य से जोड़ना.
· पुरे विश्व में शांति को फैलाना.
· लोगों को शारीरिक और मानसिक बीमारियों के प्रति जागरुक बनाना.
· योग के माध्यम से शरिर्रिक और मानसिक बीमारियों का समाधान कराना.
· पुरे विश्व को एक साथ जोड़ना.
योग करने से क्या फायदे होते है?
1) शारीरिक और मानसिक शक्ति जागृत होती है.
2) शरीर को लचीला बनता है.
3) शरीर को शुद्ध रखता है.
4) चिंता से मुक्ति मिलती है.
5) रोग प्रतिरोधक शक्ति में बढोती होती है.
6) स्वास्थ्य और मन प्रफुलित रहेता है.
7) हमारे सबंधो में सुधार आता है.
8) शरीर में एक अजीब सी ऊर्जा का संचार होता है.
9) शरीर की मांसपेशिया मजबूत मानती है.
10)योग से आपकी यादास में वृधि होती है.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया भर में स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों को कम करने में योग मदद करता है. इसके आलावा योग लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है, ध्यान का अभ्यास करने और तनाव से राहत पाने में मदद करता है. यह स्वास्थ्य और सतत स्वास्थ्य विकास की सुरक्षा के बीच संबंध प्रदान करता है. इसलिए, हमें नियमित रूप से योग का अभ्यास करना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.
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