10 एसे लोग जिन्होंने विकलांगता के बावजूद भी इतिहास रचा | दुनिया में प्रसिद्ध शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों
Disabilities |
दोस्तों, हमारी दुनिया में बहोत सारे एसे successful लोग हे जिन्होंने अपने लक्ष्य तक पहोचने के लिए लगातार महेनत की और तब जाके वो टोच पर पहुंचे हे लेकिन जब आपके पास हाथ पैर सलामत ना हो तो आप कुच नहीं कर सकते सही हे ना ? आज की इस पोस्ट में में आपको कुछ एसे लोगो के बारे में बताने वाला हु जो विक्लांग थे, रोजिंदी जिंदगी के काम करना भी उन लोगो केे लिए मुुस्कील था फिर भी उन्होंने हिमत नहीं हरी और वो लोग अपनी महेनत और लगन की वजह से टॉप पर पहुंचे.
10. सुधा चन्द्रन:-
सुधा चन्द्रन एक प्रसिध भारतीय अभिनेत्री हे जिन्हों ने भरतनाट्यम में महारत हासिल की हे. वो जब तिन साल की थी तभी से उनको डांस में दिलचस्बी थी और तभी से वो भरतनाट्यम की प्रेक्टिस कर रही थी लेकिन एक दिन जब वो बस में से आर रही थी तब उनकी बस का एक्सिडन्ट हो गया और इस में उनका एक पैर चला गया तब वो सिर्फ सोला साल की थी. अब उनके लिए डांस करना मुस्किल था फिर भी उन्होंने हिमंत नहीं हरी और लगातार प्रेक्टिस करती रही और कुत्रिम पेरो के साथ ही उनहोंने भरतनाट्यम महारत हासिल करली और भारत की सबसे बड़ी भरतनाट्यम अभिनेत्री में नाम सामिल करवा लिया.(Biography of Sudha Chandran in Hindi)
9. सेम कोथर्न:-
सेम कोथर्न एक प्रसिध मोटिवेशन स्पीकर हे जो की ओस्ट्रेलिया में रहेता थे.2006 में एक कर अकस्मात में उनके बाया हाथ और दया पैर चला गया, डॉक्टर ने उन्ह्से इ अब साडी जिन्दगी आपको सिर्फ व्हील चेर में आराम करके ही गुजारनी पड़ेगी लेकिन वो इसके लिया तैयार नहीं थे और उन्होंने थान लिया की वो कुछ करके दीखायेंगे उनका ह मानना था की आपकी हालत के लिए आप का फेसला ही जुम्मेदार होता हे हालत नहीं. और विस्वास के साथ उन्होंने लगातार महेनत की और सन 2009 में यानी की ठीक 3 साल बाद उनको “यंग ऑस्ट्रेलियन” का अवोर्ड भी दिया गया.
8. राल्फ ब्रोन:-
अमेरिका के इंडियाना में जन्मे राल्फब्रौन, ब्रौन कॉर्पोरेशन के सीईओ और संस्थापक थे. ब्रौन कॉर्पोरेशन विकलांग लोगों के लिए वाणिज्यिक व्हीलचेयर और सुलभ वाहन और अन्य उपकरण प्रदान करता है. जब वह छह साल का था, तब उसे मस्कुलर डिस्ट्रोफी का पता चला था. उन्होंने बिना किसी कठिनाई या समर्थन के चारों ओर घूमने में मदद करने के लिए 20 साल की उम्र में मोटराइज्ड स्कूटर बनाया. उन्होंने प्लेटफॉर्म से सुसज्जित पहली व्हीलचेयर सुलभ वैन भी बनाई. और उन्होंने अपनी फर्म, ब्रौन कॉर्पोरेशन की शुरुआत की जो व्हीलचेयर द्वारा सुलभ चलते वाहनों के निर्माण पर केंद्रित है और उनकी नइ सोच और साहस को वजह से उनको 2012 में अमेरिकी सरकार द्वारा “परिवर्तन का चैंपियन” नामित किया गया था.
7. अरुणिमा सिन्हा:-
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली अरुणिमासिन्हा दुनिया और भारत की पहली महिला हैं. वह एक राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी भी हैं. एक ट्रेन के सफ़र के दोरान कुछ बदमाशों ने उसकी सोने की चेन छीनने की उनकी कार्रवाई का विरोध करने की कोशिश में उन्हें ट्रेन से फेक दिया था तब उसके ऊपर से 49 ट्रेनें गुजरती है जिसकी वजह से उनके पाव की सारी हड्डिया कुचल गई और हड्डियों को एक साथ पकड़ने के लिए घुटने में एक रॉड डाली गई. बहादुर लड़की “अरुणिमा सिन्हा” की साहस की कहानी
तब उसने एवरेस्ट पर चढ़ने का फैसला किया लेकिन उनके इस निर्णय का उपहास किया गया था क्यूंकि उनके पैर चले गए थे, उसकी कहानी मीडिया में सनसनी बन गई और वह आलोचना और अफवाहों का बलि का बकरा बन गई पर वह ऐसा करने के लिए दृढ़ थी जो असंभव लग रहा था और अपने दृढ़ संकल्प, प्रशिक्षण और इच्छा-शक्ति के साथ, उसने पृथ्वी के उच्चतम बिंदु पर विजय प्राप्त की जो की उच्च फिटनेस स्तर वाले लोगों के लिए भी एक मुश्किल काम है. उनका यह मानना था की “असफलता तब नहीं है जब हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से नाकाम हो जाते हैं. ऐसा तब होता है जब हमारे पास पर्याप्त लक्ष्य नहीं होते हैं.”
6. क्रिस्टोफर रीव:-
क्रिस्टोफर रीव एक अमेरिकी अभिनेता, निर्देशक, फिल्म निर्माता और कार्यकर्ता थे और विकलांग लोगों में से एक थे. एक फिल्म के लिए फिल्मांकन करते समय, वह एक घोड़े से नीचे गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप एक ग्रीवा की चोट लगने से उसकी गर्दन नीचे गिर गई. यह पता लगाने के बाद कि वह फिर से एक शरीर का अंग नहीं ले पाएगा, वह आत्मघाती हो गया.
लेकिन अपने परिवार के प्यार और समर्थन और अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने ठीक होने का फैसला किया. वह इज़राइल गया, जहां तब स्टेम सेल अनुसंधान और रीढ़ की हड्डी की चोटों के लिए बहुत अच्छी सुविधाएं थीं. इज़राइल यात्रा करने और रोगियों से मिलने के बाद, उन्होंने रीढ़ की हड्डी की चोटों के बारे में दुनिया को सूचित करने के लिए अपने नाम का उपयोग करने का फैसला किया.
विकलांगों के लिए उनके व्यापक काम के लिए, उन्हें अमेरिकन पैरालिसिस एसोसिएशन के अध्यक्ष और विकलांगता पर राष्ट्रीय संगठन के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था. रीढ़ की हड्डी की चोटों पर अपने शोध को जारी रखने और दूसरों की मदद करने के लिए उन्होंने रीव-इरविन रिसर्च सेंटर की स्थापना की, उन्होंने शोध की गुणवत्ता में सुधार करने और ऐसे लोगों की मदद करने के लिए क्रिस्टोफर रीव फाउंडेशन बनाया, जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे.
लेकिन अपने परिवार के प्यार और समर्थन और अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने ठीक होने का फैसला किया. वह इज़राइल गया, जहां तब स्टेम सेल अनुसंधान और रीढ़ की हड्डी की चोटों के लिए बहुत अच्छी सुविधाएं थीं. इज़राइल यात्रा करने और रोगियों से मिलने के बाद, उन्होंने रीढ़ की हड्डी की चोटों के बारे में दुनिया को सूचित करने के लिए अपने नाम का उपयोग करने का फैसला किया.
विकलांगों के लिए उनके व्यापक काम के लिए, उन्हें अमेरिकन पैरालिसिस एसोसिएशन के अध्यक्ष और विकलांगता पर राष्ट्रीय संगठन के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था. रीढ़ की हड्डी की चोटों पर अपने शोध को जारी रखने और दूसरों की मदद करने के लिए उन्होंने रीव-इरविन रिसर्च सेंटर की स्थापना की, उन्होंने शोध की गुणवत्ता में सुधार करने और ऐसे लोगों की मदद करने के लिए क्रिस्टोफर रीव फाउंडेशन बनाया, जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे.
5. फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट:-
फ्रैंकलिन डी रूजवेल्टएक अमेरिकी वकील और राजनीतिज्ञ थे और संयुक्त राज्य अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति भी थे. 1921 में कनाडा में छुट्टियां मनाते समय उन्हें पोलियो का पता चला था और कमर से नीचे लकवा मार गया था और इसके चलते उनको राजनीती से निकालने फेसला हुआ था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हरी और अपने दृढ मनोबल से लगातार महेनत की और उनकी वजह से अमेरिका के लोगो ने उनको राष्ट्रपति के रूप में चुना.
4. हेलेन केलर:-
हेलेन केलर एक अमेरिकी लेखक और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं. जन्म के टाइम वो ही थी लेकिन जब वे डेढ़ साल की थी तब एक गंभीर बीमारी ने उसे बहरा और अंधा बना दिया और तब उन्हें पर्किन्स इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड के निदेशक द्वारा एक शिक्षिका ऐनी सुलिवन को सौंपा गया था. ऐनी सुलिवन हेलेन के मेंटर और जीवन भर के साथी बन गए और उन्हें संवाद करना सिखाया. अपने दृढ़ निश्चय के साथ, सीखने की आदत और ऐनी की मदद से, उन्होंने रेडक्लिफ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जो बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल करने वाली पहली नेत्रहीन व्यक्ति बन गईं. उसने बहुत जल्द बोलना सीख लिया और व्याख्यान देना शुरू कर दिया और यह महेनत से वो एक प्रसिध लेखक के रूप में सामने आई.
3. जॉन मिल्टन:-
जॉन मिल्टन एक प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि थे और विकलांग लोगों में से एक थे. सालों से उनकी आंखों की रोशनी कम हो रही थी लेकिन 1654 में वे पूरी तरह से अंधे हो गए इसके बजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और राजनीति पर मजबूत विचार रखे सीके साथ उन्होंने भाषण में स्वतंत्रता की वकालत की. और एक प्रसिध कवी के रूप में दुनिया के सामने आये.
2. निकोलस जेम्स:-
निकोलस जेम्स ऑस्ट्रेलियाई के एक मोटिवेश स्पीकर हे. जन्म से ही उनके दोनों हाथ और दोनों पैर नहीं थे और इसके चलते स्कूल में सारे लोग उनका मजाक उड़ाते थे और उनका मनोबल तोड़ रहे थे.
यकीन उन्होंने हर नहीं मणि और खुद ही काम करना शुरू कर दिया. और वित्तीय योजना में विशेषज्ञता के साथ वाणिज्य में स्नातक हुए. उनकी हिम्मत और अद्भुत सहस की वजह से सन १९९० में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन यंग सिटीजन अवार्ड जीता.
1. स्टीफन होकिंग:-
स्टीफन हॉकिंग एक विश्व प्रसिद्ध अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी और लेखक हैं. उनके प्रसिद्ध कार्यों और थीसिस में ब्लैक होल, कई-दुनिया की व्याख्या, ब्रह्मांड विज्ञान, गुरुत्वाकर्षण तरंगों, क्वांटम यांत्रिकी और सामान्य सापेक्षता के क्षेत्र शामिल हैं. वह एमायोट्रोफिक लेटरल नामक एक दुर्लभ स्थिति से पीड़ित थे जिसके चलते वो विक्लांग बन गए उसके बावजूद भी उनकी लगन और साहस की वजह से उन्हें अल्बर्ट आइंस्टीन अवार्ड दिया गया.
दोस्तों, उम्मीद हे आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी, आप यह जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेर जरुर करे.