अक्सर हम सबने एक बात जरुर सुनी होगी की जब भी कोई इन्सान दुखी होता है या कोई बात को लेकर टेन्सन में होता है इस वक्त बहोत से लोग एसा कहते है की कास दिमाग के पास भी कंप्यूटर की तरह डिलीट बटन होता तो हम वो बात को भुला सकते.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की दिमाग में भी कंप्यूटर की तरह डिलीट बटन होता है जिनकी मदद से हम बेकार की बातो को अपने दिमाग से बहार फेंक सकते है लेकिन इसके लिए हमको क्या करना पड़ेगा? चलिए जानते है दिमाग की काम करने की प्रकिया को.
न्यूरोसाइंस के अनुसार मानव के दिमाग के अन्दर भी कंप्यूटर की तरह एक सर्किट होता है जिनको वैज्ञानिक भाषा में न्यूरो सर्किट कहा जाता है. इस सर्किट की मदद से हम हमारे जीवन के लिए जरुरी बातो को स्टोर करके रख सकते है और जो बेकार की यानि की बिन जरुर यादें है उनको डिलीट करके बहार फैंक सकते है और जब चाहे तब उन यादों को वापिस रिस्टोर भी कर सकते है जिस कंप्यूटर में होता है.
जैसे की एक बात तो हम सभी को पता होगी की हमारा दिमाग सुनी हुई या पढ़ी हुई कोई भी बात कभी भी भूलता नहीं है पर अगर आप किसी एक बात को लंबे समय तक वापिस इस्तमाल नहीं करते हो तो वो बात आपका दिमाग धीरे-धीरे करके आपकी यादों में से हटा देता है जिसकी बदोलत आप उस बात को भूल जाते हो पर आपका दिमाग खुद ही उन सारी यादों की मरम्मत करता रहेता है ताकि जरुरत के समय वापिस से लौटा सके. न्यूरोसाइंस में इस प्रकिया को सिनेप्टिकल पुरनिंग कहेते है.
सिनेप्टिकल पुरनिंग क्या है?
आम सब्दो में कहा जाए तो इन्सान का दिमाग एक बगीचे की तरह होता है जिनकी हररोज मरम्मत की जरुरत होती है. एक माली हरवक्त बगीचे में से नए फुल को बोंता है और पुराणी चीजो को निकाल देता है ठीक इसी तरह हमारे मस्तिष्क में मोजूद न्यूरो सर्किट की दो कोशिकाए होती है. पहेली ग्लियल कोशिका जो मस्तिष्क में नै जानकारी यो को सक्रीय बनाकर रखती है और दूसरी माइक्रो ग्लियल कोशिकाए जो दिमाग में मोजूद पुराणी बातों को डिलीट करती है. इसी प्रकिया को सिनेप्टिकल पुरनिंग कहा जाता है.
आखिर ये डिलीट की प्रकिया होती है कैसे?
जैसे की हमने पहेले ही बात की की माइक्रो ग्लियल कोशिकाए हमारे दिमाग से पुरानी बातो को डिलीट करती है ताकि नई बातो के लिए जगह खाली हो सके. इसके लिए यह कोशिकाए हमारे दिमाग में मोजूद पुरानी यादें जिनका हम इस्तमाल नहीं करते है उनको निशाना बनाती है और प्रोटीन के साथ बाँधकर उसको नस्ट कर देती है. इस तरह से डिलीट की प्रकिया होती है जिससे आप नई बातोनो को सिख पाते हो.
दोस्तों, कभी-कभी हम बिना नींद लिए लगातार घंटो तक पढाई करते रहेते है उस वक्त एसा लगता है की आपका दिमाग थक गया है और आप नै जानकारी स्टोर नहीं क्र पा रहे हो, उस वक्त अगर आप 20-25 मिनिट की नींद कर लेते हो तो माइक्रो ग्लियल कोशिकाए फालतू की बातो को दिमाग से डिलीट करके नै बातो के लिए जगह बनालेती है जिसकी मदद से आप फ्रेश होकर नई बाते याद कर सकते हो. इसी वजह से नींद बेहद जरुर है.
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