स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में हर वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है. जैसा की हम जानते हैं कि किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर करता है. देश के विकास में युवाओं का बड़ा योगदान होता है. इसीलिए युवाओं को सही मार्गदर्शन के लिए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती पर ही भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है ? और इसे कैसे मनाया जाता है ? ऐसे बहोत सारे सवाल होते होगे तो आज के इस आर्टिकल में में आपको इसके बारे में बताने वाला हु.
स्वामी विवेकानंद के जीवन से कुछ प्रेरक प्रसंग
राष्ट्रीय युवा दिवस हर वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है. सन 1985 से राष्ट्रीय युवा दिवस पूरे भारत देश की परंपरा का एक अमिट भाग बन चूका था और संयोगवश, यह वही दिन था, जब भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था. वास्तव में, भारत सरकार ने 1984 में यह घोषणा की थी कि स्वामी जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसे मनाने का मुख्य कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके अतुल्य आदर्श हैं, जिनका उन्होंने हमेंशा पालन किया और भारत के साथ–साथ अन्य राष्ट्रों में भी उन्हें स्थापित किया.
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय और उनके जीवन से जुड़े कुछ अनमोल तथ्य
स्वामी विवेकानंद की तेजस्वी वाणी भारत में तब उम्मीद की किरण लेकर आई जब भारत पराधीन था और भारत के लोग अंग्रेजों के जुल्म सह रहे थे. हर तरफ सिर्फ दु्ख और निराशा के बादल छाए हुए थे. उन्होंने भारत के सोए हुए समाज को जगाया और उनमें नई ऊर्जा-उमंग का प्रसार किया.
वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं. विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता. उन्होंने हमें कुछ ऐसी वस्तु दी है जो हममें अपनी उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त परम्परा के प्रति एक प्रकार का अभिमान जगा देती है. स्वामी जी ने जो कुछ भी लिखा है वह हमारे लिए हितकर है और होना ही चाहिए तथा वह आने वाले लम्बे समय तक हमें प्रभावित करता रहेगा. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उन्होंने वर्तमान भारत को दृढ़ रूप से प्रभावित किया है. भारत की युवा पीढ़ी को आगे बढ़ ने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जीवन से निकला ज्ञान, प्रेरणा एवं तेज के स्रोत का लाभ उठाना चाहिए जिसे भारत की युवा पढ़ी को सही रह मिले और आगे बढ़ सके.
इस दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं, रैलियां निकाली जाती हैं, योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है, पूजा-पाठ होता है, व्याख्यान होते हैं और विवेकानन्द साहित्य की प्रदर्शनी लगती है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर हर वर्ष देश भर में फैले रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों एवं बेलूर मठ में भारतीय संस्कृति और परंपरा को समृद्ध करने हेतु कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.