Human Overpopulation: Still an Issue of Concern? | क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे?

Human Overpopulation: Still an Issue of Concern? | क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे?

How Big a Problem is Human Overpopulation?

क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे? Human Overpopulation: Still an Issue of Concern?
 
आज पूरी दुनिया में इतनी सारी आबादी बढ़ रही हे यह सच में एक चिंता का विषय हे. अगर हमने हमारी इस Human Overpopulation पर ध्यान नहीं दिया तो पूरी मानव जाती खतरे में पड़ जाएगी और यह खतरा किसी परमाणु बम्ब, सुनामी या भूकम्प से नहीं होगा बल्कि अपनी खुद की ही ना समजी की वजह से होगा.
आज साल 2019 में पूरी दुनिया में करीब 7.7 अरब लोग हे और यह गिनती हर वक्त बढ़ रही हे. जीस तरह समय के साथ साथ हमारा ब्रमांड तेजी से बढ़ रहा हे ठीक इसी तरह से हमारी जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही हे. हम सभी मानव पृथ्वी नामके एक छोटे से ग्रह पर रहेते हे. लेकिन जिस तरह एक ग्लास में पानी भरने की कुछ मर्यादा होती हे क्या इस तरह हमारी पृथ्वी की भी कोई Capacity हे? क्या होगा अगर हमारी आबादी धरती की Capacity को पार कर जाये तो? कितनी आबादी का बोझ उठा सकती है हमारी धरती? चलिए जानते हे इस आर्टिकल के माध्यम से Human Overpopulation: Still an Issue of Concern? क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे?
 
आप सभी ने सन 2018 में आई हुई Avenger Infinity war मूवी जरुर देखि होगी. जिसमे थेनोस ब्रह्मांड में मोजूद Resources  और Population के बिच बेलेन्स बनाना चाहता था और इसी लिए वो पूरी दुनिया के 50 प्रतिसद लोगो को खत्म करदेना चाहता था क्यूंकि उसका घर Titan Human Overpopulation के कारण खत्म हो चूका था. अब वो पूरी दुनिया को इस खतरे से बचाना चाहता था.
यह तो एक मूवी की स्टोरी थी लेकिन क्या इस मूवी में जो खतरे की बात की हे वो सच हो शकता हे? चलिए देखते कुछ आंकड़े जिससे आपको पता चलेगा की किस तरह से हमारी दुनिया की आबादी बढ़ रही हे.
बात करे साल 1804 की तो तब पूरी दुनिया की आबादी थी करीब 1 अरब. यानि की 2 लाख साल पहेले जब मानव सभ्यता का आरम्भ हुआ था तबसे लेकर सन 1804 तक इन्सानों की आबादी बढ़ कर केवल 1 अरब तक ही पहोची थी. और इसके करीब 100 साल बाद सन 1927 में इन्सानों की आबादी 2 गुनी ज्यदा बढ़ गई यानि की 2 अरब हो गई.
इसके बाद जनसंख्या का ग्रोथ तेजी से बढ़ता ही रहा और इसके करीब 30 साल बाद साल 1959 में यह आबादी बढ़ कर करीब 3 अरब हो गई. साल 1974 में 4 अरब, साल 1987 में 5 अरब, 1999 में 6 अरब और 2011 में 7 अरब हो गई. आज सन 2019 में इन्सानों की जनसंख्या करीब 7.7 अरब तक पहोच गई हे. और यह आबादी तेजी से बढती ही जा रही हे.
अब कई लोगो को एसा लगता होगा की आबादी बढती हे तो बढ़ने दो हमको क्या? हमारा तो कुछ बिगड़ने वाला नहीं हे क्यूंकि हम तो आसानी से भरपेट खा सकते हे. हमारा घर तो अच्छे से चल रहा हे. हमारी धरती पर बहोत सारी जगह हे जहा लोग अपनी मर्जी से जहा चाहे वहा रेह सकते हे. खाने की भी कोई कमी नहीं हे और वातावरण में ओक्सीजन की भी कोई कमी नहीं हे. पिने के लिए पर्याप्त पानी भी हमारे पास हे तो भला हम इस के बारे में चिंता क्यों करे?
लेकिन एसा नहीं होता हे. जैसे एक ग्लास में सिमित मात्रा में ही पानी भर सकते हे क्योंकि की अगर लिमिट से ज्यादा पानी भरा तो वो बहार निकल जाता हे ठीक इसी तरह हमारी धरती की भी एक Capacity हे. इस Capacity से ज्यादा आबादी होने पर इसका प्रभाव सभी पर पड़ने वाला हे चाहे वो गरीब हो या अमीर. वैज्ञानिको के अनुसार धरती की वजन उठाने की Capacity करीब 16 अरब हे. वेसे तो यह बस एक अंदाज हे जिसे धरती के सारे संसधानो को ध्यान में रखकर बनाया गया हे.
जिस तेजी से हम इन्सानों की आबादी बढ़ रही हे इसे देख कर एसा लगता हे की साल 2050तक मानव की आबादी बढ़ कर 9.8 अरब के करीब पहोच जाएगी. और सन 2100 तक यह आंकड़े 11.2 अरब तक पहोच जाएगे.
यह बात तो सभी को पता होगी के भारत जनसंख्या के मामले चीन के बाद दुनिया का दुसरे नंबर का देश बन चूका हे. आज सन 2019 में भारत की आबादी करीब 135 करोड़ हे वही चीन की जनसंख्या 142 करोड़ हे. चीन ने अपनी देश के आबादी को कम करने के लिए सन 1979 में China’s Population Control Policy को लागु किया था. इसके आलावा चीन ने अपने नागरिको के लिए समय समय पर कई सारे नियम लागु किये जेसे की One Child Policy, Daughter only Household Policy ताकि जनसंख्या में कंट्रोल होता रहे. इन Policy के कारन चाइना की जनसँख्या में बहोत ही गिरावट आई.
लेकिन हमारे भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही हे और इस पर कोई भी रोक भी नहीं लगाई गई हे. एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2024 तक भारत आबादी के मामले चाइना को भी पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे ज्यादा Human Overpopulation वाला देश बन जायेगा. भारत में धार्मिक और राजनैतिक अन्धविश्वास के कारन लोग बढती हुई जनसँख्या में कुच भी ध्यान नहीं दे रहे हे. यहाँ धर्म के नाम पर लोग अपनी जनसंख्या को बढ़ा रहे हे जो एक कडवी सच्चाई हे. अगर वक्त रहेते इस वृधिदर को काबू नहीं किया तो हम बहोत ही बड़े खतरे में पद शकते हे.

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क्या आपको पता हे भारत की आबादी की Carrying Capacity हे मात्र 52 करोड़ 90 लाख लेकिन हमारा देश इस मर्यादा से कई ज्यादा आगे निकल चूका हे यानि की हमारा भारत एक Human Overpopulation  देश हे. इसी के कारन भारत में रोजगार की कमी, गरीबी, भुखमरी जेसे हालात पैदा हुए हे. अपने सुना होगा की भारत में एसी कई जगे हे जहा पानी की और खाने की कमी हे. यह सब ईसि कारन से हो रहा हे.

पूरी दुनिया में हर साल जनसंख्या में करीब 1.1 प्रतिसद की बढ़ोतरी होती रहेती हे.
The United Nations Children’s Fund के रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में हर दिन करीब3 लाख 60 हजार बच्चे जन्म लेते हे यानि की हर मिनट में लगभग 250 बच्चे जन्म लेते हे. दूसरी तरफ हर दिन करीब 1,51,600 लोग की मृत्यु हो जाती हे. इतनी संख्या में मृत्यु होने के बावजूद भी जनसँख्या बढ़ क्यों रही हे? क्यों सन 1804 से जनसख्या इतनी बढ़ रही हे? चलिए जानते हे इसका भी कारन.
इसका कारन हे 19 मी सदी में हुई औद्योगिक क्रांति. इससे पहेले राजाओ का साशन हुआ करता था तब ज्यादातर लोग गुलामी का जीवन गुजार रहे थे और गरीबी के कारन मृत्युदर जन्मदर से ज्यादा था. ओसतन एक परिवार में करीब 6 बच्चे पैदा होते थे लेकिन युवावस्था तक पहोचते-पहोचते करीब 2 बच्चे ही बचते थे. औद्योगिक क्रांति की वजह से लोगो के तरीको में बदलाव आया और इसकी वजह से अच्छी मेडिकल फेसिलिटी उत्पन्न हुई जिसकी बदोलत मृत्युदर में घटोती हुई.
16 से 19वि सदी तक यूरोप में ओसतन आयु 30-40 तक की ही होती थी लेकिन आज पूरी दुनिया में ओसतन आयु करीब 70 के आसपास हे. इससे आप समाज सकते होगे की बेहतर रोजगार, बेहतर दवाये, बेहतर इलाज के कारन इन्सान की उम्र पिछले 200 सालो में ज्यादा बढ़ गई हे. यह एक अच्छी बात भी हे लेकिन इससे हमें खतरा भी हो रहा हे.
लेकिन अगर हमने इस ग्रोथ रेट को काबू में नहीं किया तो एक दिन एसा आयेगा जब धरती पर मोजूद सारी चीजे हमारे लिए कम पड जाएगी. धरती पर मोजूद 71 प्रतिसद पानी में से हमारे पिने योग्य पानी सिर्फ 2.5 प्रतिसद ही हे और इनमे से 68.7 प्रतिसद पानी अंटार्क्टिका तथा ग्रीनलेंड में बर्फ के रूप में जमा हे. 30.1 प्रतिसद पानी जमीन के निचे हे. केवल 1.2 प्रतिसद पानी ही झरने, नदी और तालाब के रूप में मोजूद हे. यानि की हमारे पास पिने के लिए बहोत ही कम पानी हे.
उदाहरण के तोर पर अगर एक कमरे में 10 लोग हे जो बहोत ही भूखे और प्यासे हे लेकिन उनके पास खाना और पानी सिर्फ 2 लोगो के लिए ही हे तो? एसे में सभी लग एक दुसरे को मारने और काटने पर उतर आयेगे. अंत में जो सबसे ताकतवर होगा इसका ही पेट भरेगा. जनसंख्या में बढ़ रही आबादी हमारे लिए कुछ इसी तरह का खतरा लेकर आयेगी. तो हम सभी को आज से ही इस आबादी को रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए.
अगर आपको Human Overpopulation: Still an Issue of Concern? क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे? आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इस शेयर जरुर करना क्यूंकि आबादी को रोकने का कदम हमसे हे शुरू होता हे. अगर आप इस बात से सहमत हो तो इस पोस्ट को जरुर शेयर करना.
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बढ़ती आबादी के कारण जीना होगा मुस्कील,कितनी आबादी का बोझ उठा सकती है धरती ?
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