क्या साबूदाना(Sago) शाकाहारी है? कैसे बनता है?, पूरी जानकारी

साबूदाना कैसे बनाया जाता है? हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? जानिए पूरी सच्चाई

क्या साबूदाना(Sago) शाकाहारी है? कैसे बनता है?, पूरी जानकारी

दोस्तों, जैसे है कोई उपवास और व्रत आता है तो ज्यादातर लोग साबूदाना की बनी ही चीजो का प्रयोग करते है. ओए कई सारे लोग एसे भी है जो इसका प्रयोग करना चाहते है लेकिन साबूदाना के बारे में उड़ रही बातो के चलते उसका प्रयोग नहीं करते है. साबूदाना के बारे में यह बाते बहोत उड़ रही है की यह शाकाहारी नहीं है बल्कि मांसाहारी है. इसी वजह से कई सारे धार्मिक लोग साबूदाना से दूर रहेते है. लेकीन सच्चाई क्या है? क्या सच में साबूदाना मांसाहारी है? आखिर यह साबूदाना बनता कैसे है? इसे खाने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है? यह सारी बाते में आपको इस आर्टिकल में बताने वाला हु. यह पोस्ट पढने से पहेले मानव शरीर से जुड़े रोचक तथ्य. आर्टिकल जरुर पढे.

चलिए सबसे पहेले जानते है की आज के इस आर्टिकल में किस-किस मुद्दों पर बाते होने वाली है.

  1. साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी
  2. साबूदाना कैसे और कहा बनता है
  3. भारत में साबूदाना कैसे बनता है
  4. साबूदाना के फायदे
  5. साबूदाना के नुकसान
  6. Conclusion
चलिए अब बात करते है क्या साबूदाना(Sago) शाकाहारी है? कैसे बनता है?, पूरी जानकारी के बारे में विस्तार से.

साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी

चलिए सबसे पहेले इस बात से पर्दा उठाते है की साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी. साबूदाना बिलकुल शाकाहारी ही है क्यूंकि यह एक वनस्पति है जिसको टेपियोका कहा जाता है. यह वनस्पति मूल अमेरिका की है जो अब भारत में भी पाई जाती है.

साबूदाना कैसे और कहा बनता है
आब आप सभी के अन्दर एक बात तो क्लियर हो गई होगी कि साबूदाना पूरी तरह से शाकाहारी है. साबूदाना सैगो पाम नामक पेड़ के तने के गुंदे से बनाया जाता है. यह एक पौधा है जो मूल रूप से दक्षिण अमरीका में पाया जाता था. लेकिन 19वि सदी में पुर्तगाली व्यापारी लोग इस के बिज को अफ्रीका ले गए और वहा से यह पौधा भारत के केरल, तमिलनाडु और आँध्रप्रदेश में विकशित हुआ.

यह पौधा किसि भी परिस्थिति में विकसित हो सकता है जैसे की कम पानी, तेज धुप, पथरीली मिटटी. इसके छिलके में “साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड” नामक जहरीला रशायण पाया जाता है इसी वजह से इसको तुरंत ही उत्पादन प्रकिया में लेना पड़ता है नहीं तो यह बिगड जाता है. इसकी फसल करीब 9 से 10 महीने में तैयार होती है.

भारत में सबसे पहेले साबूदाना तमिलनाडु के सेलम में तैयार हुआ था. इसके के लिए सबसे पहेले उन लोगो ने इसके छिलके को उबाल कर, छोटे छोटे टुकडो में काट कर जो रस निकलता है इसको धुप में हल्का सा सका जिससे साबूदाना बना जो अमरीका में बनने वाले साबूदाना जैसा ही था. इस तरह से साबूदाना का निर्माण हुआ.

भारत में साबूदाना कैसे बनता है
भारत में साबूदाना बनाने के लिए कसाव की जड़ो के गुंदे का इस्तमाल किया जाता है.  इस बुँदे को बड़े बड़े बर्तनों में निकाल कर 8 से 10 दिनों तक रखा जाता है और रोजाना इसमें पानी डाला जाता है. इस प्रोसेस को 4 से 6 महीनो तक बार-बार चलाया जाता है. इसके बाद जो मावा बनता है इसको मशीन में डाल दिया जाता है और इस तरह से साबूदाना प्राप्त होता है. इसके बाद इसको सुखाकर इसके स्टार्च से बने पाउडर और ग्लूकोज की पोलिस की जाती है और तब जाकर सफ़ेद मोतियों जैसे दिखने वाला साबूदाना तैयार होता है.

साबूदाना कैसे बनाया जाता है? हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? जानिए पूरी सच्चाई


साबूदाना के फायदे

  • साबूदाना के सेवन से गरमी में कमी आती है और शरीर को ठंडा रखता है.
  • अगर आपका वजन कम है तो नियमित रूप से साबूदाना का सेवन करके आप अपना वजन बढ़ा सकते हो.
  • साबूदाना का सेवन करने से और इसको तव्चा पर लगाने से निखार आता है और त्वचा लचीली बनती है.
  • इसमें कैल्सियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होता है इसकी वजह से इसका सेवन करने से हड्डिया मजबूत बनती है. 
  • साबूदाना का सेवन करने से मांसपेसियो में भी राहत मिलती है.
  • प्रेग्नेन्सी सी के दौरान साबूदाना का सेवन करने से शिशु को बहोत फायदा होता है क्यूंकि इसमें विटामिन बी-कॉम्लेक्स की अच्छी मात्रा होती है इसके आलावा इसमें फोलिक एसिड भी होता है.
  • साबूदाना का सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती है. क्यूंकि साबूदाना में फाइबर भारी मात्रा में पाया जाता है.
  • साबूदाना में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है.
  • साबूदाना में पोटेशियम भी पाया जाता है जिससे हमारे शरीर का रक्त संचार अच्छा होता है.
  • एनीमिया के मरीज के लिए साबूदाना एक रामबाण इलाज है.
  • साबूदाना में कार्बोहाईड्रेट भरपूर मात्रा में होता है जिससे शरीर में फैट कम होता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है.
साबूदाना के नुकसान

  • साबूदाना से फायदे ही होते है लेकिन अगर इसको अच्छे से पकाया नहीं जाता है तो यह जहरीला भी हो सकता है क्यूंकि यह कसावा से बनता है और यह जहरीला होता है.
  • साबूदाना में बहोत ही मात्रा में फइबर पाया जाता है जबकि हमारे शरीर के समतोल मात्रा में फाईबर की जरुरत होती है. तो यदि ज्यादा मात्रा में साबूदाना का प्रयोग किया जाए तो नुकसान हो ता है.
  • ज्यादा मात्र में साबूदाना का सेवन करने से मोटा होने का खतरा बढ़ जाता है.
Conclusion
हमने आपको बताया की साबूदाना कैसे बनता है और कहा बनता है. आपको यह बात भी पता चल गई होगी की साबूदाना बिलकुल ही शाकाहारी ही है इसके आलावा आपको साबूदाना के नुकसान और फायदे के बारे में भी पता चल गया होगा. दोस्तों अगर ठीक मात्र में साबूदाना का प्रयोग किया जाए तो यह हमारे लिए फायदेमंद ही है तो आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसका कम या ज्यादा मात्रा में प्रयोग कर सकते हो.
उम्मीद है साबूदाना के बारे में उत्ब रहे भ्रम के बारे में आपको सारि सच्चाई पता चल गई होगी. अगर आपको यही जानकारी अच्छी लगी हो तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे.


यह भी पढ़े:-

  1. क्या सच में धरती अंत के करीब जा रही हे? 
  2. क्या हो अगर धरती पर की सारी बर्फ पिगल जाये?
  3. क्या होगा अगर धरती का सारा कचरा ज्वालामुखी में डाल दिया जाए?
  4. क्या होगा अगर पृथ्वी पर के सारे पेड़ काट दिए जाए? 
  5. क्या होगा अगर बारिश एक ही विशालकाय बूंद में पृथ्वी पर गिरे?
  6. क्या होगा अगर सिर्फ 5 सेकंड के लिए सारी ओक्सीजन गायब हो जाये ?
  7. क्या होगा अगर सूरज अचानक से गायब हो जाये?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *