The Earth in 2050 in Hindi | 2050 में पृथ्वी का क्या हाल होगा?

The Earth in 2050 in Hindi | 2050 में पृथ्वी का क्या हाल होगा?

The Earth in 2050 in Hindi | 2050 में पृथ्वी पर इन्सानों का एसा हाल होगा

दोस्तों, एक बात तो में सभी को ज़रुर कहना चाहुगा की आज हम इन्सान एक दूसरों से आगे निकल ने की होड़ में यह भूल गए है की हम खुद भी इन्सान है और हमको एक अच्छा इन्सान बनना चाहिए है.

यह बात तो हमको पता है की इन्सानी सभ्यता की शुरुआत कई हजार साल पहले हो चुकी है लेकिन जब पहेली बार करीब 1 लाख साल पहले इन्सान इस धरती पर आए तब हमारी यह धरती पूरी तरह से हरी-भरी थी और चारों तरफ शांति फैली हुई थी.

लेकिन अगर धरती पर की इस शांति को दूर ना करे तो हम इन्सान कहलाने के लायक थोड़ी होंगे? पिछले 200 सालों से हम इन्सानों औद्योगीकरण के पीछे एसी दौड़ लगाई है मानो की हमारे पीछे कोई जंगली जानवर पड़ा हो, और हम भागे नहीं तो वो हमको कच्चा चबा जाएगा. यह सिल-सिला पिछले 200 सालों से लगातार चलता आ रहा है और अगर इसके पीछे हमने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इसका खामियाजा हमारे साथ-साथ हमारी आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना पड़ेगा.

आज हम एक एसी स्थिति पर आ पहुचे है जहाँ से हम को सिर्फ और सिर्फ विनाश ही मिलने वाला है, पिछले 3 सालों से कई देश के वैज्ञानिक इसके उपर रिसर्च कर रहे है जिसके बेस पर में आपको यह आर्टिकल से बताने जा रहा हु की हम दिन प्रतिदिन विनाश की और आगे बढ़ रहे है. चलिए आज के आर्टिकल से देखते है की आने वाले सालों में हमारे सामने कोनसी समस्या आने वाली है. दोस्तों यह कोई अनुमान नहीं है बल्कि करीब 3 साल के रिसर्च के बाद किया गया एक दावा है.

The Earth in 2050 in Hindi | 2050 में पृथ्वी का क्या हाल होगा?


2050 में पृथ्वी का क्या हाल होगा? – 2050 में पृथ्वी पर इन्सानों का एसा हाल होगा- The Earth in 2050 in Hindi

इस तीन साल के रिसर्च में शोधकर्ताओ ने बताया की 2050 तक हमको नीचे मुजब की आफ़त का सामना करना पड़ेगा.

1. 2050 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी खत्म हो जाएगी.
2. धरती पर मौजूद 35% हिस्से में रहने वाले लोगो को साल में करीब 20 दिन जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ेगा.
3. कृषि उत्पादन में भारी मात्रा में कटौती होगी.
4. दुनिया का फेफड़ा कहे जाने वाला अमेज़न जंगल का इकोसिस्म नष्ट हो जाएगा.
5. आर्कटिक के आसपास वाले सभी बर्फ से जमे ग्लेशियर पानी में बदल चुके होंगे.
6. समुद्र का स्तर करीब 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा जिसके कारन आसपास के लोगो में तबाही मच जाएगी.
7. एशिया की सभी नदियों का पानी अधिक मात्रा में सुख चुका होगा.
8. 1 अरब से भी ज्यादा लो अपने घर छोड़कर दूसरी जगह रहने के लिए मजबूर हो चुके होंगे.
9. पृथ्वी का 1/3 भाग रेगिस्तान में तब्दील हो जाएगा.
10. पृथ्वी में गर्मी मैं स्तर 3 डिग्री से भी ज्यादा बढ़ जाएगा.

लगातार 3 साल के अध्ययन के बाद विशेषज्ञों का कहना है की हम इन्सान एक बहुत ही बड़े खतरे की तरफ आगे बढ़ रहे है जो हमको खुली आँखों से नहीं दिखाई दे रहा है. पिछले कुछ सालों से इन्सानों की जनसंख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है और आज यह जनसंख्या करीब 770 करोड़ के पार पहुँच चुकी है और यह लगातार बढती हुई 2050 तक 980 करोड़ के पार पहुँच जाएगी. इस बेकाबू हो रही जनसंख्या का ना कोई तोड़ नजर आ रहा है और ना कोई विकल्प. अगर हम आज से भी कोई ठोस कदम उठाते है तब भी 2050 में आने वाले विनाश को रोकने के लिए बहुत ही देर हो चुकी है.

21 मी सदी में इन्सानों ने सभी क्षेत्रो में बहुत अच्छी प्रगति की है लेकिन क्या इस प्रगति में हम कुछ भूल तो नहीं रहे है ना? क्या कुछ पीछे तो नहीं छूट गया ना? बिलकुल, हम भूल रहे है पर्यावरण को. हमने इस विकास की गति के लिए भारी मात्रा में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है जिसका खामियाजा हम आज भी भुगत रहे है.

अगर आज पर्यावरण को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आज से 30 साल बाद यानि की 2050 में हर साल लगभग 60 लाख से भी ज्यादा लोग सिर्फ वायु प्रदूषण से ही मर जाएंगे. इसके अलावा 2050 तक हमारी धरती का औसतन तापमान 3 डिग्री और भी बढ़ जाएगा जिसकी वजह से पूरी धरती का मौसम संतुलित पूरी तरह से बिगड़ जाएगा. ज्यादा गर्मी के कारन दुनियाभर में मौजूद सभी ग्लेशियर का स्तर पिघलने लगेगा जिसकी वजह से समुद्र का स्तर लगभग 1 फिट तक आगे बढ़ जाएगा जो आसपास के इलाके को पूरी तरह से डुबो देगा.

अगर बात करे जंगल की कटाई के बारे में तो अगर जिस तरह से हम आज जंगल का विनाश कर रहे है यह सिलसिला चालू ही रहेगा तो करीब 169 गीगाटन यानि की 630 करोड़ किलो कार्बन डाइ ऑक्साइड इस वातावरण में चला जाएगा जो धरती पर विनाश लाने के लिए काफी है.

अगर बात करे जीव वैज्ञानिको के अनुमान की तो उनके अनुसार अगर हमने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया तो 2050 तक दुनिया में से आधी प्राणीओ और पक्षियों की प्रजाति खत्म हो जाएगी. इन्सानों की वजह से 30 साल में ही करीब 1 लाख प्रजातिया खत्म हो जाएगी.

अब बात करते है तापमान की तो सन 1980 तक भारत में तापमान करीब 29-30 डिग्री के करीब हुआ करता था, उस वक्त गर्मी के मौसम में भी बहुत कम गर्मी लगती थी और बरसात के मौसम में हर वक्त बारिश हुआ करती थी. लेकिन अगर आज की बात की जाए तो आज भारत के अधिकांश शहर में गर्मी 45 से 46 के आसपास रहती है और यही ही तापमान 2050 तक 50 से 55 डिग्री तक पहुँच जाएगा और राजस्थान जैसे प्रदेश में तो यह आंकड़ा 60 डिग्री को भी क्रोस कर जाएगा जिसकी वजह से बहुत सारे लोगो की जान चली जाएगी.

अब बात करते है कचरे की तो आज तक करीब 165 अरब किलोग्राम प्लास्टिक समुद्र में पहेले से ही डाला जा चूका है और हर साल 8 अरब किलोग्राम प्लास्टिक समुद्र में डाला जा रहा है, इस तरह से देखे तो आने वाले 30 सालो में हम इन्सान करीब 240 अरब प्लास्टिक का कचरा समुद्र में डाल चुके होंगे. जिसके कारन वैज्ञानिको ने भी चेतावनी दी है की सन 2050 तक समुद्र में भारी मात्रा में मछलिया खत्म हो जाएगी और उनकी जगह प्लास्टिक की मात्रा ज्यादा होगी.

चलिए अब एक नजर डालते है इन्सानों द्वारा इस्तेमाल हो रही एयर कंडीशनर की वजह से कितना तापमान बढ़ गया है. कंपनी ने बे वजह सभी लोगो को एसी की आदत पाड दी है. हमारी धरती का तापमान बढ़ाने ने सबसे ज्यादा भूमिका ए.सी. की ही है. ए.सी. में से निकलने वाले गेस क्लोरोफोल कार्बन और हाइड्रोफोल कार्बन की वजह से हमारी धरती सबसे ज्यादा गर्म हुई है.

दोस्तों जिस धरती ने हमको जीवन दिया, रहने के लिए मकान दिया और खाने के लिए अनाज दिया उसी धरती का सीना आज हम इन्सानों ने छल्ली कर दिया है. धरती की नस में से बहने वाले पानी को हमने खत्म कर दिया है, हरी भरी धरती की चादर को बंजर बना दिया है. यदि हम अब भी नहीं रुके तो धरती पर के सभी जीवों को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा और तब कोई भी इन्सान कुछ भी नहीं कर पाएगा सिवाय हाथ पे हाथ रखकर देखने के अलावा.

यदि आपको 2050 में पृथ्वी का क्या हाल होगा? की सारी बातें Video के रूप में चाहिए तो नीचे दिए गए Video से देख सकते हो. यदि आपको The Earth in 2050 in Hindi Video अच्छा लगे तो हमारी Channel को आज ही Subscribe करे. ताकि सभी video की Notification आपको मिलती रहे.


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