Information/History of Satellite in Hindi – जानिए कृत्रिम उपग्रह का पूरा इतिहास
आज पूरी दुनिया के वैज्ञानिक ब्रह्मांड में मौजूद सभी ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए कृत्रिम उपग्रह भेज रहे है ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी हमको प्राप्त हो.
इन्सानों द्वारा भेजे गए यह Artificial Satellite चंद्रमा की तरह पृथ्वी की चारों और भ्रमण करते है और पृथ्वी के बाहर होने वाले बदलावों की सारी जानकारी वैज्ञानिको तक पहुँचाते है जिसको Satellite Communication कहा जाता है.
लेकिन सवाल यह आता है आखिर इन्सान को क्यों जरुरत पड़ी Satellite को भेजने की? इस कृत्रिम उपग्रह से क्या फायदा होता है? सबसे पहला satellite किसने भेजा था? History of satellite communication क्या है? यह सारी बातें हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है.
आज का आर्टिकल थोड़ा लम्बा हो सकता है लेकिन अगर आपको सारी बातें जाननी है तो इसके लिए आपको यह आर्टिकल पूरा पढ़ना पड़ेगा तभी आपको Satellite in Hindi के इतिहास के बारे में सारी जानकारी प्राप्त होगी. तो चलिए आर्टिकल की शुरुआत करते है.
Satellite in Hindi का आविष्कार किसने किया था? – जानिए कृत्रिम उपग्रह का पूरा इतिहास आर्टिकल में कौन से मुद्दे पर चर्चा होने वाली है?
- Artificial Satellite (कृत्रिम उपग्रह) क्या है?
- कृत्रिम उपग्रह को क्यों भेजा गया था?
- सबसे पहला Artificial Satellite (कृत्रिम उपग्रह) किसने बनाया था?
- Types of satellite-कृत्रिम उपग्रह के प्रकार
- What are Satellite used for? Satellite का क्या उपयोग है?
- History of Satellite – कृत्रिम उपग्रह का इतिहास
- भारत के पास कितने कृत्रिम उपग्रह है?
- निष्कर्ष
Artificial Satellite (कृत्रिम उपग्रह) क्या है?
(Satellite in Hindi )कृत्रिम उपग्रह को क्यों भेजा गया था?
Types of Satellite in Hindi – कृत्रिम उपग्रह के प्रकार
What are Satellite used for? Satellite in Hindi का क्या उपयोग है?
Satellite in Hindi के उपयोग से हम मौसम की जनकारी, रेडियो, लाइव टेलीकास्ट, location की जानकारी जैसी कई तरह की जनकी हांसिल कर सकते है.
सॅटॅलाइट की बनावट बहोत ही खास तरीके से की गई होती है. उसके उपरी भाग में सोलर प्लेट लगी होती है जिसकी मदद से वो Sun-सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करके अपने आप चार्ज होता रहता है. सॅटॅलाइट में ट्रांसमीटर लगे हुए होते है जिसकी मदद से हम उसको रिमोट से कंट्रोल कर सकते है. अलग-अलग तरह के satellite का कार्य अलग-अलग होता है.
अगर कोई Satellite in Hindi को फोटो खींचने के लिए भेजा गया होगा तो उसके साथ कैमरा होगा और वो सारी फोंटो खींचकर पृथ्वी पर भेजेगा. उपग्रह की मदद से हम स्कैनिंग भी कर सकते है. इसी satellite की मदद से ही हम एक देश से दुसरे देश में बात कर सकते है इस काम के लिए Communication satellite को भेजा गया है.
इसी तरह हमने ऊपर जो Satellite in Hindi के प्रकार बताए है वो सभी अपना-अपना काम करते है और वैज्ञानिको की सहायता करते है.
History of Satellite in Hindi – कृत्रिम उपग्रह का इतिहास
अंतरीक्ष के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए स्पुतनिक 1 नामक satellite को सोवियत संघ द्वारा सन 1957 में लौंच किया गया था. इस उपग्रह ने पृथ्वी के वायुमंडलीय के परत्वो के उच्च घनत्व की पहेचान की और इसके रेडियो तरंग पृथ्वी तक पहुँचाए.
अब जबकि पहला कुत्रिम उपग्रह सफल हो गया था तो अमेरिका ने सोचा की वो भी एक कृत्रिम उपग्रह छोड़कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाले. लेकिन जब तक अमेरिका दुसरे उपग्रह के बारे में सोचता तब तक सोवियत संघ ने 3 नवम्बर 1957 को यानि की सिर्फ 1 ही महीने के भीतर ही दूसरा Satellite लौंच कर दिया जिसका नाम था स्पुतनिक 2. इस बार इस satellite में लैका नामका कुत्ता भेजा गया और यह मिशन भी सफल हो गया.
अब सोवियत संघ की इस तरह की दुगनी सफलता देखकर अमेरिका चुप नहीं बैठ सकता था और इसने भी 31 जनवरी 1958 को एक्स्प्लोरर 1 नामक उपग्रह लौंच किया.
इसके बाद नवम्बर 1967 से ओस्ट्रेलिया ने अपने पहेले उपग्रह को अंतरीक्ष में भेजने के लिए काम शुरू कर दिया. कुछ ही दिनों में ओस्ट्रेलिया अपना पहला satellite लौंच करने में कामयाब रहा. ओस्ट्रेलिया ने नव्मबर 1967 में WRESAT नामक satellite को अंतरीक्ष में सेट कर दिया.
इसके बाद सभी देश अपने अपने कृत्रिम उपग्रह अंतरीक्ष में सेट करने के लिए मैदान में उतर गए लेकिन बहोत ही कम देश इस में कामयाब रहे.
सन 1965 में फ़्रांस ने एस्टेरिक्ष, सन 1970 में जापान ने ओसुमी नामक satellite, सन 1970 में चीन ने डोंग फेंग हांग नामक satellite सफलता पूर्वक भेजा. इसके बाद सन 1971 में UK ने प्रोस्पेरो X – 3, सन 1975 में भारत ने आर्यभट्ट satellite और सन 1988 में इजराइल ने ओफेक 1 नामक satellite को अंतरीक्ष में सेट करने में सफलता हांसिल की.
अब तक अंतरीक्ष में 2 हजार से भी ज्यादा उपग्रह भेजे गए है. भारत ने एक ही रोकेट में 104 satellite भेजकर दुनिया को चकित कर दिया है और एक ही रोकेट में सबसे ज्यादा satellite को भेजने का रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है.
भारत के पास कितने कृत्रिम उपग्रह है?
भारत के पास ओक्टोबर 2018 तक करीब 239 satellite थे. सन 1975 से सन 2015 तक भारत के पास सिर्फ 77 उपग्रह ही थे लेकिन 15 फरवरी 2017 को भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रचा. भारत ने इस दिन एक ही रोकेट में एक साथ 104 Satellite भेजकर रसिया का एक साथ एक ही रोकेट में 37 सॅटॅलाइट भेजनेका रिकॉर्ड तोडकर नया इतिहास सर्जदिया.
निष्कर्ष – Satellite in Hindi
भारत का चंद्रयान मिशन 2 हाल ही में चन्द्र की ऑर्बिट पर पहोचा था और सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर से संपर्क टूट गया था. इसी तरह भारत अपना चंद्रयान मिशन 3 भी बहुत ही जल्दी ही लौंच करेगा. भारत की तरह पूरी दुनिया के वैज्ञानिक पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा के साथ-साथ अन्य ग्रहों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए अलग-अलग तरह के मिशन भेज रहे है. उम्मीद है हमको आने वाले भविष्य में सौरमंडल के सभी ग्रह के साथ-साथ चन्द्रमा के बारे में भी बहुत ही सचोट जानकारी हासिल होगी.
आज के इस आर्टिकल में बस इतना ही. अगर आपको Satellite in Hindi का आविष्कार किसने किया था? Information and History of Satellite in Hindi- कृत्रिम उपग्रह के बारे में संपूर्ण जानकारी आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसको सभी दोस्तों के साथ शेयर जरुर करना.
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